भारत सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। यह बढ़ा हुआ गेहूं का MSP किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने में मदद करेगा। जानें कैसे यह न्यूनतम समर्थन मूल्य 2025-26 में किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा और कैसे अधिक उत्पादन पर सरकार द्वारा मिलने वाले इस गेहूं MSP का लाभ उठाया जा सकता है।
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Toggleएमएसपी में वृद्धि का फायदा
इस साल MSP में 150 रुपये की बढ़ोतरी से किसानों को उनकी मेहनत का बेहतर दाम मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जिससे खेती और लाभदायक हो सकेगी।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
- समर्थन मूल्य (MSP): वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
- पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि: इस वर्ष का MSP पिछले वर्ष से 150 रुपये अधिक है।
- उत्पादन बढ़ाने की अपील: खाद्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसानों से अधिक क्षेत्र में गेहूं की बुवाई करने का आग्रह किया है ताकि वे इस बढ़े हुए MSP का अधिकतम लाभ ले सकें।
- उपार्जन केंद्रों की संख्या: किसानों की सुविधा के लिए कुल 3694 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं।
- गोदाम स्तर पर केंद्र: 2199 केंद्र गोदाम स्तर पर स्थापित किए गए हैं।
- समिति स्तर पर केंद्र: 1495 केंद्र समिति स्तर पर हैं।
- उपज की गुणवत्ता जांच: उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की गुणवत्ता जांच के लिए निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और मैकेनाइज्ड क्लीनिंग की व्यवस्था होगी।
- सीधे बैंक खातों में भुगतान: किसानों को उनके आधार लिंक बैंक खातों में सीधे समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाएगा, जिससे तुरंत पैसे मिलेंगे।
खरीद केंद्रों की तैयारी
सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए सभी तैयारी शुरू कर दी हैं। इसके तहत बारदाना (पैकिंग के लिए बोरे), भंडारण और परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की सफाई के लिए मैकेनाइज्ड क्लीनिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे गेहूं की गुणवत्ता अच्छी बनी रहे।
गुणवत्ता की जांच के लिए प्रशिक्षण
उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की गुणवत्ता की जांच के लिए सर्वेयर (निरीक्षक) को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि खरीदी जाने वाली गेहूं सरकार के मानकों के अनुरूप हो और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।
पिछले साल का प्रदर्शन
पिछले साल 6 लाख 16 हजार किसानों ने लगभग 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचा था। इस बार भी, किसानों की सुविधा के लिए 3694 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 2199 केंद्र गोदाम स्तर पर और 1495 केंद्र समिति स्तर पर होंगे, ताकि किसानों को फसल बेचने में आसानी हो और उन्हें दूर तक न जाना पड़े।
किसानों के लिए सरकार का संदेश
मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने सभी किसानों से आग्रह किया है कि वे उन्नत बीज और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बेहतर फसल उगाएं और अपनी आय बढ़ाएं। सरकार किसानों की हर संभव मदद करेगी ताकि उन्हें खेती में लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा तय किया गया यह MSP किसानों के लिए आर्थिक मजबूती का एक बड़ा अवसर है। गेहूं उपार्जन के लिए की गई सभी तैयारियाँ, गुणवत्ता जांच, और भुगतान की सीधी व्यवस्था इस योजना को किसानों के लिए लाभकारी बना रही हैं। अब किसानों के पास अपनी फसल का उचित दाम पाने का यह बेहतरीन मौका है।
किसानों के लिए यह समय है कि वे इस बढ़े हुए MSP का पूरा लाभ उठाएं और अपनी आय को मजबूत बनाएं।